योजना/कार्यक्रम
घरेलू उद्योग के लिए भिन्न-भिन्न व्यवसायों में कुशल कामगारों की शीघ्र उपलब्धता सुनिश्चित करने, क्रमबद्ध प्रशिक्षण द्वारा औद्योगिक उत्पादन की मात्रात्मकता तथा गुणात्मकता बढ़ाने, रोजगारपरक कौशल प्रदान करके शिक्षित युवाओं में बेरोजगारी कम करने, युवा पीढ़ी के मन में एक तकनीकी तथा औद्योगिक दृष्टिकोण के संवर्धन तथा पोषण हेतु भारत सरकार ने वर्ष 1950 में शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) की शुरूआत की थी। यह योजना व्यावसायिक प्रशिक्षण के क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, देश के विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में फैले आईटीआइज के विशाल नेटवर्क के माध्यम से वर्तमान तथा भावी जनशक्ति की जरूरत को पूरा करने हेतु शिल्पकार तैयार करती आयी है। वर्ष 1956 से शिल्पकार प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत आईटीआइज का दैनंदिन प्रशासन राज्य सरकारों/संघ राज्य प्रशासनों को अन्तरित कर दिया गया था। प्रथम अप्रेल, 1969 से राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का वित्तीय नियंत्रण संबद्ध राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों को अन्तरित कर दिया गया था। उन्हें पूर्ववर्ती योजना आयोग तथा वित्त मंत्रालय के परामर्श से थोक अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की गयी थी।
व्यावसायिक प्रशिक्षण दोनों केन्द्र तथा राज्य सरकारों का समवर्ती विषय है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण योजनाएं बनाना, नीति मूल्यांकन, प्रशिक्षण के मानक, मापदंड निर्धारित करना, परीक्षाएं आयोजित करना, प्रमाणन आदि केंद्रीय सरकार की जिम्मेदारियां हैं, जबकि आईटीआइज में प्रवेश सहित दैनंदिन प्रशासन का कार्य सम्बधित राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों का है।
इस समय पूरे देश में स्थित 14955 आईटीआइज (3248 सरकारी+11707 निजी) के नेटवर्क के माध्यम से शिल्पकार प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिनमें कुल 26.58 लाख प्रशिक्षणार्थी (एक वर्ष तथा दो वर्ष की अवधि के व्यवसायों में) 150 एनएसक्यूएफ अनुपालना वाले व्यवसायों में उद्योग को कुशल कार्यशक्ति मुहैय्या कराने के उद्देश्य से एनसीवीटीएमआईएस पोर्टल पर पंजीकृत हैं।