एफएक्यूज
प्रश्नः शिक्षुता प्रशिक्षण योजना कैसे लागू की जाती है?
उत्तर:
- केंद्र सरकार के उपक्रमों और विभागों में व्यवसाय शिक्षुता अधिनियम को लागू करने के लिए डीजीईएंडटी की जिम्मेदारी है। यह कोलकाता, मुंबई, चैन्नई, हैदराबाद, कानपुर और फरीदाबाद में स्थित इसके छह क्षेत्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण निदेशालयों(आरडीएटी) के माध्यम से लागू किया जाता है।
- राज्य स्तर पर, राज्य सरकार के उपक्रमों/विभागों और निजी प्रतिष्ठानों में व्यवसाय शिक्षुता संबंधी अधिनियम लागू करने के लिए राज्य शिक्षुता सलाहकार उत्तरदायी हैं।
- स्नातक, तकनीशियन और तकनीशियन (व्यावसायिक) शिक्षु संबंधी अधिनियम को लागू करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय में माध्यमिक और उच्चतर शिक्षा विभाग जिम्मेदार है। यह कानपुर, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में स्थित चार शिक्षुता प्रशिक्षण बोर्डों(बीओएटी) के माध्यम से लागू किया जाता है।
- केंद्रीय शिक्षुता परिषद, एक सर्वोच्च सांविधिक त्रिपक्षीय निकाय है जो सरकार को शिक्षुता प्रशिक्षण योजना के संबंध में नीतियों और मानदंडों एवं मानकों को निर्धारित करने हेतु परामर्श देती है।
प्रश्नः शिक्षु के लिए पात्र कौन हो सकता है?
उत्तर:
- कोई भी व्यक्ति जो 14 वर्ष या उससे अधिक आयु का है और शिक्षुता अधिनियम, 1961 में यथा परिभाषित बुनियादी शारीरिक और शैक्षिक मानकों को पूरा करता है।
- संबंधित व्यवसायों में फ्रेशर/आईटीआई पास-आउट अभ्यर्थी व्यवसाय शिक्षुओं के रूप में सम्मिलित होने के लिए शिक्षुता प्रशिक्षण में शामिल हो सकते हैं।
- व्यावसायिक (10 + 2) पास आउट अभ्यर्थी तकनीशियन (व्यावसायिक) शिक्षु के रूप में नियोजित किए जा सकते हैं।
- डिप्लोमा धारकों को तकनीशियन शिक्षुओं के रूप में नियोजित किया जा सकता है।
- स्नातक इंजीनियरों को स्नातक शिक्षुके रूप में नियोजित किया जा सकता है।
प्रश्नः शिक्षुता प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए कितने व्यवसाय उपलब्ध हैं?
उत्तर:
व्यवसाय शिक्षुओं हेतु:
- शिक्षुता प्रशिक्षण के लिए उद्योगों के 254 समूहों में 259 व्यवसाय उपलब्ध हैं।
- शिक्षुता प्रशिक्षण में बुनियादी और व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल हैं।
- प्रशिक्षण की अवधि 6 माह से 4 वर्ष तक और शैक्षणिक योग्यता कक्षा 8 वीं पास से 12 वीं पास तक होती है।
- अभ्यर्थी प्रशिक्षण के लिए चैन्नई, फरीदाबाद, हैदराबाद, कानपुर, कोलकाता और मुंबई स्थितक्षेत्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण निदेशालयों (आरडीएटी) या प्रत्येक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में स्थित राज्य शिक्षुता सलाहकारोंसे संपर्क कर सकते हैं।
स्नातक, तकनीशियन और तकनीशियन (व्यावसायिक) शिक्षुओं के लिए:
- स्नातक और डिप्लोमा धारक क्रमशः स्नातक और तकनीशियन शिक्षु के रूप में एटीएस के तहत निर्धारित 126 व्यावसायिकविषयक क्षेत्रों / व्यवसायों में शिक्षुता प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षुता प्रशिक्षण की अवधि 1 वर्ष है।
- व्यावसायिक (10+2) पास आउट शिक्षुता प्रशिक्षण तकनीशियन (व्यावसायिक) शिक्षुके रूप मेंएटीएस के तहत निर्धारित 128 व्यावसायिकविषयक क्षेत्रों / व्यवसायों में शिक्षुता प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षुताप्रशिक्षण की अवधि 1 वर्ष है।
- अभ्यर्थी चैन्नई, कानपुर, कोलकाता और मुंबई में स्थित निदेशक, शिक्षुता/व्यावहारिक प्रशिक्षण (मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहतबीओएटी) से संपर्क कर सकते हैं तथास्नातक, तकनीशियन और तकनीशियन (व्यावसायिक) शिक्षु प्रशिक्षण के लिए यहांसंपर्क किया जा सकता है।
प्रश्नः क्या अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए कोई आरक्षण व्यवस्था है?
उत्तर:
- कमजोर वर्ग केयुवाओं को मुख्य धारा में लाने के लिए, राज्य में जनसंख्या में उनके प्रतिशत के अनुरूप शिक्षुता प्रशिक्षण सीटें अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं। ओबीसी केयुवाओं के लिए भी सीटें आरक्षित हैं।
- केंद्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और संघ राज्य क्षेत्रों में, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / ओबीसीके लिए आरक्षित सीटें क्रमशः 15%, 7.5% और 27% हैं।
प्रश्नः क्या शिक्षुओं को कोई वृत्तिका दी जाती है?
उत्तर:
शिक्षुता प्रशिक्षण के दौरान, शिक्षुओं को उनके दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए मासिक वृत्तिकाका भुगतान किया जाता है। व्यवसाय शिक्षुओं को दी जाने वाली वृत्तिका पर होने वाला व्यय नियोक्ताओं द्वारा वहन किया जाता है। स्नातक, तकनीशियन, तकनीशियन (व्यावसायिक) के मामले में, यह नियोक्ता और केंद्र सरकार द्वारासमान रूप से वहन किया जाता है।
व्यवसाय शिक्षुओं के लिए वृत्तिका की दरें (22-09-2014 से संशोधित):
शिक्षुता प्रशिक्षण की अवधि | वृत्तिका की दरें (प्रति माह) |
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प्रथम वर्ष | संबंधित राज्य या संघ राज्य क्षेत्र द्वारा अधिसूचित अर्ध-कुशल कामगारोंके न्यूनतम वेतन का 70% |
द्वितीय वर्ष | संबंधित राज्य या संघ राज्य क्षेत्र द्वारा अधिसूचित अर्ध-कुशल कामगारोंके न्यूनतम वेतन का 80% |
तृतीय तथा चौथा वर्ष | संबंधित राज्य या संघ राज्य क्षेत्र द्वारा अधिसूचित अर्ध-कुशल कामगारोंके न्यूनतम वेतन का 90% |
स्नातक, तकनीशियन और तकनीशियन (व्यावसायिक) शिक्षुओंके लिए वृत्तिका की दरें (19-12-2014 से संशोधित)
शिक्षुओं की श्रेणी | वृत्तिका की दरें (प्रति माह) |
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इंजीनियरिंग स्नातक | रु. 4984/- |
सैंडविच पाठ्यक्रम (डिग्री संस्थानों से छात्र) | रु. 3542/- |
तकनीकी शिक्षु | रु. 3542/- |
सैंडविच पाठ्यक्रम (डिप्लोमासंस्थानों से छात्र) | रु. 2890/- |
तकनीशियन (व्यावसायिक)शिक्षु | रु. 2578/- |
प्रश्नः शिक्षुता प्रशिक्षण पूरा करने के उपरान्त किस प्रकार का प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है?
उत्तर:
- प्रशिक्षण अवधि पूरी करने पर व्यवसाय शिक्षु राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण (एनसीवीटी) परिषद द्वारा आयोजित शिक्षुओं की अखिल भारतीय व्यवसाय परीक्षा (एआईटीटी) में बैठते हैं। सफल अभ्यर्थियों को राष्ट्रीय शिक्षुता प्रमाणपत्र (एनएसी) प्रदान किया जाता है जो रोजगार प्राप्त करने के लिए मान्यता प्राप्त अर्हता है।
- स्नातक, तकनीशियन तथा तकनीशियन (व्यावसायिक) शिक्षुओं को संतोषजनक ढंग से प्रशिक्षण पूरा करने पर माध्यमिक तथा उच्चतर शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा भारत सरकार द्वारा प्रवीणता प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है।
प्रश्नः शिक्षुता प्रशिक्षण प्राप्ति हेतु शिक्षु के रूप में पंजीकरण करवाने की कार्यविधि क्या है?
उत्तरः
- केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा निजी क्षेत्र सहित) के अधीन विभिन्न संस्थानों में उन व्यावसायिक ट्रेडों में जिनमें अवसंरचना उपलब्ध है, सीटों का पता लगाने के लिए क्षेत्रीय निदेशक/राज्य शिक्षुता सलाहकार सर्वेक्षण आयोजित करते हैं।
- शिक्षुओं के पंजीयन के लिए संस्थान विज्ञापन देते हैं। क्षेत्रीय निदेशालय तथा राज्य निदेशालय भी इस संबंध में आवश्यक सूचना प्रकाशित करते हैं।
- हिन्दुस्तान एरोनाटिक लि. (एचएएल), भारत हैवी इलेक्ट्रीकल लि. (बीएचईएल), भारत इलेक्ट्रोनिक्स लि. (बीईएल), रेलवे, सीपीडब्ल्यूडी, आल इण्डिया रेडियो, राष्ट्रीय थर्मल पावर लि. मदर डेयरी, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी), टेल्को, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, एल एंड टी, मारूति सुजुकी लि., होंडा मोटर्स लि. ह्युंडई लि., बदरपुर थर्मल पावर स्टेशन, दिल्ली मेट्रो रेलवे कारपोरेशन (डीएमआरसी), टाटा मोटर्स इत्यादि जैसे संस्थानों में शिक्षुता प्रशिक्षण दिया जाता है।
- इच्छुक व्यक्ति पंजीकरण हेतु संस्थानों से सम्पर्क कर सकते हैं।
- उपयुक्त (योग्य) अभ्यर्थी संस्थानों के साथ पंजीकरण का अनुबंध करते हैं।
- अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाने के दिन से ही प्रशिक्षण शुरू हो जाता है।
- इस बीच क्षेत्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण निदेशालयों (आरडीएटी) द्वारा अनुबंध सत्यापित किए जाते हैं।
- संस्थानों में शिक्षुता प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने पर शिक्षु राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीटी) द्वारा आयोजित अखिल भारतीय शिक्षु व्यवसाय परीक्षा में बैठने के पात्र हो जाते हैं।
- यह परीक्षा उत्तीर्ण करने पर उन्हें राष्ट्रीय शिक्षुता प्रमाणपत्र (एनएसी) जारी किया जाता है। इस प्रमाणपत्र की सभी प्रयोजनों से राष्ट्रीय व्यवसाय प्रमाणपत्र (एनटीसी) से अधिक (उच्चतर) मान्यता होती है चाहे किसी ने दो वर्ष की अवधि का आईटीआई में प्रशिक्षण लिया हो और उसके बाद एक वर्ष का शिक्षुता प्रशिक्षण लिया हो (उदाहरणतः इलेक्ट्रीशियन व्यवसाय) या नए अभ्यर्थी के रूप में सीधे तीन वर्ष की अवधि का शिक्षुता प्रशिक्षण पूरा किया हो।
प्रश्नः “शिक्षु प्रोत्साहन योजना” स्कीम का क्या प्रयोजन है?
उत्तरः
प्रयोजनः शिक्षुता अधिनियम, 1961 के अंतर्गत सम्मिलित संस्थानों द्वारा काम पर लगाए गए (नियुक्त) 1,00,000 शिक्षुओं के शिक्षुता प्रशिक्षण के प्रथम दो वर्षों के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित वृत्तिका में 50% भागीदारी करना।
प्रश्नः योजना का कार्यक्षेत्र क्या है?
उत्तरः
स्नातक, तकनीशियन तथा तकनीशियन (व्यावसायिक) शिक्षुओं को छोड़कर जिनका प्रशासन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत है, शिक्षुओं की सभी कोटियां इस योजना में शामिल होंगी।
प्रश्नः योजना की अवधि, सकल निधि आबंटन तथा लक्ष्य क्या है?
उत्तरः
योजना की अवधिः 01.10.2014 से 31.03.2017 तक।
आबंटित निधिः 346 करोड़ रुपए।
लक्ष्यः 12वीं पंचवर्षीय योजना की शेष अवधि के दौरान एक लाख शिक्षुओं के प्रशिक्षण में सहायता करना।
प्रश्नः योजना का लाभ उठाने के लिए नियोक्ताओं तथा शिक्षुओं की पात्रता का मानदंड क्या है?
उत्तरः
- पात्र नियोक्ताः
- कोई भी प्रतिष्ठान जहां समय-समय पर यथासंशोधित शिक्षु अधिनियम, 1961 के अनुरूप इंजीनियरिंग या प्रौद्योगिकी में व्यवसाय, कारोबार या विषय क्षेत्र संचालित किया जा रहा हो।
- प्रतिष्ठान में कम से कम छह कर्मचारी/कामगर कार्यरत हैं।
- नियोक्ता द्वारा इस आशय का स्व-प्रमाणपत्र कि चयनित शिक्षु उसका संबंधी नहीं है तथा यह स्व-प्रमाणन पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाएगा।
- पात्र शिक्षुः कोई व्यक्ति
- जिसने 14 वर्ष की आयु पूरी कर ली हो
- जो शारीरिक रूप से स्वस्थ हो
- जिसके पास व्यवसाय के लिए निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता हो शिक्षुता प्रशिक्षण पाने का पात्र है।
प्रश्नः योजना किस प्रकार कार्यान्वित की जाएगी तथा कार्यान्वन एजेंसी की क्या भूमिका होगी?
उत्तरः
- कार्यान्वयन एजेंसीः डीजीईएंडटी के अधीन आरडीएटीज अपने क्षेत्र में कार्यान्वयन एजेन्सियों के रूप में काम करेगी।
- कार्यान्वयन एजेंसी की भूमिकाः
- सभी छहों आरडीएटीज को अपने क्षेत्र में शिक्षुओं के प्रशिक्षणार्थ प्रतिवर्ष लक्ष्य दिया जाएगा जो क्षेत्र में संस्थानों की संख्या पर निर्भर होगा।
- प्रत्येक आरडीएटी इच्छुक नियोक्ताओं से आवेदन आमंत्रित करने के लिए हर तीन महीने में अपने क्षेत्र के अग्रणी अखबारों में विज्ञापन देगा।
- पात्र नियोक्ता का पता लगाने के लिए आवेदनों की प्राप्ति तथा छटनी।
- पात्र नियोक्ता को स्वीकृति आदेश जारी करना
- योजना की प्रारम्भिक अवधि से 31 मार्च, 2015 तक के लिए शिक्षुओं को पहले ही भुगतान की गयी निर्धारित वृत्तिका के 50% के लिए नियोक्ता से दावों की प्राप्ति
- दावों की छटनी तथा नियोक्ता को प्रतिपूर्ति करना
- प्रथम अप्रैल, 2015 से निर्धारित वृत्तिका के 50% का भुगतान शिक्षु के बैंक खाते में करना।
- योजना के कारगर ढंग से कार्यान्वयन के लिए छह महिने में एक बार संस्थानों का दौरा करना।
प्रश्नः वृत्तिका भागीदारी हेतु कार्यविधि क्या होगी?
उत्तरः
- योजना की प्रारम्भिक अवधि में 31 मार्च, 2015 तक नियोक्ता द्वारा निर्धारित वृत्तिका का पूरी दर से भुगतान, जिसमें उसका हिस्सा भी शामिल है, प्रत्येक शिक्षु को प्रत्येक महीने उसके बैंक खाते के माध्यम से किया जाएगा। खाता वेब पोर्टल से लिंक किया जाएगा।
- नियोक्ता द्वारा शिक्षुओं को भुगतान की गयी निर्धारित वृत्तिका के 50% की प्रतिपूर्ति आरडीएटी द्वारा तिमाही तौर पर बैंक खाते के माध्यम से प्रतिष्ठानों को की जाएगी।
- प्रथम अप्रैल, 2015 के पश्चात सरकार का हिस्सा सीधे शिक्षु के बैंक खाते में अंतरित कर दिया जाएगा।
उत्तर:
सम्पर्क स्थल (राज्यवार)
राज्य | पता |
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दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, जम्मू तथा कश्मीर | क्षेत्रीय निदेशक, क्षेत्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण निदेशालय (आरडीएटी), तृतीय तल, ए-विंग, न्यू सीजीओ भवन, एनएच -IV, फरीदाबाद – 121001 दूरभाष सं.0129-2413890, 2421973, 9968294966 ई-मेल: rdatfbd@nic.in |
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड | क्षेत्रीय निदेशक, क्षेत्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण निदेशालय (आरडीएटी)एटीआई कैम्पस, पो.आ. उद्योग नगर, कानपुर-208022 दूरभाष सं.0512-2296088, 2225072, 8765170013 ई-मेल: rdatkanpur@gmail.com |
महाराष्ट्र, गुजरात, दमन एवं दीव, गोवा, दादरा एवं नगर हवेली | क्षेत्रीय निदेशक, क्षेत्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण निदेशालय (आरडीएटी)वीएन पूर्व मार्ग, सायन, मुम्बई-400022 दूरभाष सं./फेक्स नं.: 022-24057519, 09819531961 ई-मेल: rdatmum@nic.in |
आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक | क्षेत्रीय निदेशक, क्षेत्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण निदेशालय (आरडीएटी)एटीआई-ईपीआई केम्पस, रामनाथपुरम, हैदराबाद-500013 दूरभाष सं.: 040- 27031783, फेक्स न.: 040-27038264, 09701203815 ई-मेल: rdat_hyd@yahoo.co.in |
पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, त्रिपुरा, असम, मेघालय, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालेंड, ओडिशा | क्षेत्रीय निदेशक, क्षेत्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण निदेशालय (आरडीएटी)एमएसओ भवन, ई-विंग, प्रथम तल, डीएफ ब्लाक, सेक्टर-I, साल्ट लेक सिटी, कोलकाता-700064 फोन नं.: 033-23340364, 23210331 फेक्स न. 033-23210322 ई-मेल: rdatkolkata_er@yahoo.in |
तमिलनाडु, केरल, अंडमान एवं निकोबार द्वीप, लक्षद्वीप, पुडुचेरी | क्षेत्रीय निदेशक, क्षेत्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण निदेशालय (आरडीएटी)सीटीआई केम्पस, गिण्डी, चैन्नई--600032 दूरभाष सं.: 044- 22500091, Fax No.: 044-22500989, 09444158766 ई-मेल: rdatchn@nic.in |